नामकरण संस्कार पूजा 2023
हिन्दू धर्म में 16 संस्कार बताये जाते है जिनमें से नामकरण संस्कार एक प्रमुख संस्कार है | इस संस्कार के द्वारा बच्चे का नाम रखा जाता है | नाम हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण होता है और इसका प्रभाव हमारे पुरे जीवन पर पड़ता है | नामकरण संस्कार में धार्मिक विधि विधान और मन्त्रों के उच्चारण द्वारा नवजात बच्चे का नाम रखा जाता है | नाम से व्यक्ति की पहचान होती है इसलिए नाम बहुत ही सोच समझकर और जन्म के नक्षत्रों के अनुसार रखा जाता है |
नामकरण संस्कार की पूजा पंडित द्वारा करवाना श्रेष्ठकर रहता है | नवजात बालक कई योनियों से गुजरता हुआ जब मानव योनि में जन्म लेता है तो उस पर पिछले जन्मों की छाया बनी रहती है | अतः इस नए जन्म में उसमें सद्गुणों का संचार हो और वह एक महपुरुष बने इसके लिए नामकरण संस्कार किया जाता है |
[contact-form-7 id="14022" title="Contact form 1"]नामकरण संस्कार क्या है ?
नामकरण संस्कार हिन्दू धर्म में बताये गए 16 संस्कारों में से एक प्रमुख संस्कार है | जब नवजात शिशु पैदा होता है तो सबसे पहले जातकर्म संस्कार और उसके बाद नामकरण संस्कार किया जाता है | लेकिन आजके समय इन जातकर्म संस्कार को भी नामकरण संस्कार के साथ ही कर दिया जाता है |
नामकरण संस्कार शुभ मुहूर्त
बच्चे के जन्म के 9 दिन बाद तक सूतक का समय माना जाता है इसलिए शास्त्रों के अनुसार नामकरण संस्कार बच्चे के जन्म के 11 वें दिन किया जाता है | कुछ विद्वानों का मत है की यह संस्कार अच्छा मुहूर्त देखकर कभी भी किया जा सकता है |
नामकरण संस्कार पूजन सामग्री
लकड़ी की चौकी | कलश ( मिट्टी का ) | चांदी की चम्मच |
पीला सिंदूर | चन्दन | लाल चन्दन |
हल्दी पीसी हुई | हल्दी साबुत | सुपारी |
चावल | रोली | धूपबत्ती |
इलाइची | जनेऊ | कपूर |
धूपबत्ती | देशी घी | बताशा |
लाल वस्त्र , पीला वस्त्र | गंगाजल | तिल |
पान के पत्ते, आम के पत्ते | फूल एवं फूल माला | लोटे,थाली, चम्मच, |
आटा | परात | कॉपी, पेन |
नामकरण संस्कार पूजा विधि की तैयारी
- आप घर के जिस स्थान पर नामकरण संस्कार कर रहे है उस स्थान को धो लें |
- बच्चे एवं माता को स्नान करके नामकरण संस्कार के लिए नियत स्थान पर बैठना चाहिए |
- चौकी के बगल में कलश स्थापित करें, कलश के मोली बांधें एवं उस पर ॐ, स्वस्तिक जैसे शुभ चिन्ह बनाएं |
- इस दिन बच्चे को मधुप्राशन करवाया जाता है इसलिए एक चांदी की चम्मच और शहद रख लें |
- एक पैन कॉपी को अच्छे से सजा लें इसके द्वारा बच्चे के नामकरण संस्कार द्वारा नाम को लिखा जायेगा |
नामकरण संस्कार पूजा विधि
- सबसे पहले एक कलश में थोड़ा गंगाजल मिलाकर बालक, संस्कार करने वाले और पूजन सामग्री पर छिड़कें |
- अब बच्चे सूती और रेशमी धागे से बनी मेखला बांधें | इससे बच्चे में स्फूर्ति और तत्परता बढ़ती है |
- अब घर के बुजुर्ग सदस्य थोड़ा सा शहद बच्चे को चटाएं | इससे बच्चे में शुभ हितकारी, कल्याणकारी वाणी के संस्कार स्थापित होते है |
- यदि प्रातः काल का समय हो तो बच्चे को उसकी माँ सूर्य के दर्शन करवाने ले जाएं | इससे बालक में तेजस्विता पैदा होती है |
- अब बच्चे के मातापिता हाथ में रोली, चावल और पुष्प लेकर भूमि का पूजन करें | और इसके बाद बच्चे को मंत्रोच्चार के साथ भूमि पर लिटा दें | धरती माता से प्रार्थना करें की इस बालक को अपना बच्चा मानकर गोद में लेकर इसे धन्य करें |
- अब पंडित या कोई सम्मानीय वयक्ति बच्चे का नाम तख्ती या कॉपी पर लिखे और उसके बाद वह नाम सबको दिखाया जाए | नाम बताने के साथ ही यह भावना प्रकट की जाये की यह बच्चा कुल और वंश का गौरव बढ़ने वाला होगा |
- प्रमुख व्यक्ति बच्चे को नाम लेकर 3 बार बोलें चिरंजीवी हो | धर्मशील हो | प्रगतिशील हो | सभी इसको दोहराएं |
- इसके बाद माता शिशु को पिता को दे देवें इसके बाद पिता उसे अन्य परिजनों को दे | इस तरह बच्चा सभी के की गोद में जाते हुए सभी को प्यार और दुलार पाएं |
- इसके बाद बच्चे को खुले में लेकर जाये और लोकदर्शन करवाएं |
- अब खीर और अन्य मिस्ठान के साथ मिलकर पांच आहुतियां हवन में दें |
- आचार्य शिशु को गोद में लेकर उसके कान के पास निम्न मंत्र बोलें –
ॐ भो तात!त्वं ईश्वरांशोसि
मनुष्यता तव महती विशिष्टता
ऋष्यानुशासनं पालयेः |
इनका अर्थ है – हे तात, तुम ईश्वर का अंश हो, मनुष्यता तुम्हारी विशिष्टता है और तुम्हे जीवन भर ऋषि अनुशासन का पालन करना है | - अब प्रबोधन मन्त्र पढ़ें –
ॐ शुद्धोसि बुद्धोसि निरंजनोसि, संसारमय परिवर्जितोसी |
संसारमाया त्यज मोहनिद्रां, त्वां सद्गुरुः शिक्षयतीति सूत्रम || - अब होम की सारी क्रियाएं करें | इसके उपरांत पूजन करने वाले पंडित शिशु और उनके मातापिता एवं अन्य परिजनों को आशीर्वाद दे |
नामकरण पूजा मन्त्र
ॐ आपो हिष्ठा मयोभुवः, ता ना ऊर्जे दधातन, महे रणाय चक्षसे। ॐ यो वः शिवतमो रसः, तस्य भाजयतेह नः।
नामकरण संस्कार का महत्व
नामकरण संस्कार सुसंस्कारित जीवन का एक महत्वपूर्ण संस्कार है | इसके द्वारा भगवान की साक्षी और उनके आशीर्वाद के साथ विधिवत पूजा विधि एवं मंत्रो के उच्चारण के साथ शिशु का नामकरण किया जाता है | शिशु अपने कुल और वंश का नाम रोशन करें और एक श्रेष्ठ व्यक्तित्व धारी, यशश्वी बने भगवान से इसकी कामना की जाती है |
नामकरण पूजा बुकिंग कैसे करें
शिशु का नाम एक बार ही रखा जाता है और इसकी एक बड़ी पूजा पद्धति है जिसे की नामकरण संस्कार कहा जाता है | इसके लिए विद्वान पंडित की आवश्यकता होती है जो की नामकरण की सभी वीडियो को सही तरह से करवाएं जिससे शिशु को भगवान का आशीर्वाद प्राप्त हो और वह जीवन के हर क्षेत्र में उन्नति एवं प्रगति करे और कुलदीपक बने |
स्मार्टपूजा में विशेषज्ञ पंडितों की एक कुशल टीम है जिन्हें सभी तरह की पूजा का विशष अनुभव है | वह आपके बच्चे के नामकरण संस्कार को पुरे विधि विधान से संपन्न करवाते है और आपके शिशु के भविष्य को सुनिश्चित करते है | स्मार्टपूजा में हम पंडित की व्यवस्था के साथ ही आपके लिए नामकरण के लिए शुभ मुहूर्त और पूजन सामग्री की व्यवस्था करते है | आप स्मार्टपूजा के नामकरण संस्कार पैकेज को बुक करके निश्चिंत हो जाइये पूजा की सारी व्यवस्था हम व्यवस्थित रूप से करते है | हम विश्वास दिलाते है की आपका यह पूजा का अनुभव आपको परेशानिमुक्त, आध्यातिमकता एवं दिव्यता का अहसास दिलाएगा |
नामकरण पूजा से जुडी सेवाओं की अधिक जानकारी के लिए हमें 080-61160400 या व्हाट्सएप @ 9036050108 पर कॉल करें ।