Ring Ceremony in Hindi
हिंदू धर्म में विवाह समारोह को उत्सव की तरह मनाया जाता है । भारतीय पद्धति से विवाह का कार्यक्रम कई दिन तक चलता है जिसमें रोका समारोह, गोद भराई सगाई समारोह, हल्दी रस्म, पाणिग्रहण संस्कार और विदाई समारोह । ये सभी हिंदू विवाह के प्रमुख भाग है और इनमें वर वधु को भगवान का आशीर्वाद प्राप्त हो इसलिए इसमें विधि विधान के साथ पूजा और कुछ जरूरी रीति रिवाजों को किया जाता है । आज के इस लेख ring ceremony in hindi में हम रिंग सेरेमनी यानी की सगाई समारोह में होने वाले रीति रिवाज और पूजा के बारे में जानेंगे ।
रिंग सेरेमनी क्या है । What is Ring ceremony
[contact-form-7 id="14022" title="Contact form 1"]भारतीय संस्कृति में विवाह से पूर्व सगाई समारोह किया जाता है जिसके द्वारा वधु पक्ष वर को तिलक करके यह सुनिश्चित करते है की अब वर को रोक दिया गया है और अब इस वर के लिए कोई और वैवाहिक रिश्ता स्वीकार नहीं किया जायेगा । इसी तरह वर पक्ष की और से वर की बहन या भुआ तिलक करके वधु का रोका समारोह संपन्न करती है । जिसके बाद वधु के लिए अन्य विवाह के लिए रिश्ता स्वीकार नहीं किया जाता है ।
सगाई समारोह को अलग अलग स्थानों पर अलग अलग नामों से जैसे तिलक, रोका के नाम से जाना जाता है । शास्त्रों में इसे वाग्दान नाम दिया गया है । आज के समय में पश्चिमी रीति रिवाजों को शामिल करते हुए इस दिन वर और वधू द्वारा एक दूसरे को रिंग पहनाई जाती है । इस कारण से इस समारोह को रिंग सेरेमनी भी कहा जाता है ।
रिंग सेरेमनी पूजा कार्यक्रम
किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले हमारी संस्कृति में भगवान का आशिर्वाद लेने की परंपरा है । यह समारोह वर वधु के साथ ही दो परिवारों को भी आपस में जोड़ता है इसलिए इस दिन भगवान गणेश की पूजा करके उनसे वर वधु के वैवाहिक जीवन की मंगलकामना के साथ आशीर्वाद मांगा जाता है ।
रिंग सेरेमनी पूजन सामग्री
सामग्री | सामग्री |
रोली, चावल, पीला सिंदूर, पीला अष्टगंध चन्दन, लाल सिंदूर, हल्दी, सुपाड़ी, लौंग, इलाइची, जनेऊ, इत्र, गरी का गोला, धूपबत्ती, रुई की बत्ती, देशी घी, कपूर, कलावा, चुनरी, बताशा, लाल वस्त्र, पीला वस्त्र, कुश ( पवित्री), लकड़ी की चौकी, दोना, मिट्टी का कलश, मिट्टी का प्याला, मिट्टी का दिया, माचिस, तिल | पान के पत्ते, आम के पत्ते, मीठा पान, ऋतू फल, दूब घास, गुलाब की माला 2, गेंदे के फूल की माला 2, खुले फूल,तुलसी के पत्ते |
बर्तन ( थाली, लौटा, कटोरी, चम्मच, परात ), आटा | पंडित जी के कपडे (धोती, कुर्ता, अंगोछा, पञ्च पात्र, माला ) |
पूजन विधि
- सबसे पहले एक चौकी बिछाकर उस पर कपड़ा बिछाएं ।
- चौकी पर वर को पूर्व को ओर मुख करके बिठाएं । तिलक करने वाले पिता भाई और पंडितजी आदि पश्चिम की ओर मुख करके बैठे ।
- अब महिलाओ द्वारा मंगलाचार गाए जाएं ।
- षट्कर्म पूजा करें एवं तिलक लगाएं |
- कलश पूजन करें |
- गुरुवंदना करें और गणेश एवं गौरी पूजन करें |
- सभी देवताओं को नमस्कार और स्वस्तिवाचन करें |
- कन्या के पिता या भाई वर को नारियल देवें, तिलक करें, अक्षत लगाएं |
- इसके बाद कन्यादाता संकल्प मन्त्र बोलते सारी सामग्री को वर के हाथ में प्रदान करें |
- अब वर की ओर से वर की भुआ या बहन वधु को तिलक और पान खिलाकर रोका करें |
- वधु पक्ष की ओर से महिलाऐं वधु को श्रृंगार की सामग्री देवें |
- अब वर एवं वधु एक दूसरे को रिंग यानि की अंगूठी एक दूसरे को पहनावें |
स्थान
सामान्य पूजा कार्यक्रम से शुरू हुआ सगाई समारोह आज के समय में एक बड़ा इवेंट बन गया है | जिसमें वर और वधु पक्ष के सभी परिवारजन हिस्सा लेते है और इसमें रिंग सेरेमनी के अलावा महिला संगीत आदि कार्यक्रम भी किये जाते है | यह एक बड़ा कार्यक्रम है इसके लिए आप कोई मैरिज लॉन या कम्युनिटी हॉल बुक कर सकते है | मैरिज हॉल को लाइट से सजाया जाता है और रात को डिनर का आयोजन किया जाता है जिसमें दोनों परिवारजन के लोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का लुत्फ़ उठाते है |
निष्कर्ष
सगाई समारोह विवाह कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है भगवान का आशीर्वाद वर वधु के साथ दोनों परिवारों को मिले इसलिए इसमें पुरे विधि विधान के साथ भगवान की पूजा मह्त्वपूण मानी गयी है | यदि आप सोच रहे है की सगाई समारोह के लिए शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री और पूजन के लिए पंडित जी की व्यवस्था कैसे होगी | तो अब स्मार्टपूजा. लेकर आया वन स्टॉप समाधान | स्मार्टपूजा की ऑनलाइन और कॉल सर्विस द्वारा आप बुकिंग कर सकते है और शुभ मुहूर्त जान सकते है पूजन सामग्री मंगा सकते है और पूजन के लिए पंडित जी बुक कर सकते है |