महाशिवरात्रि पूजा का महत्व, पूजन सामग्री और पूजा विधि
महाशिवरात्रि के पावन दिन पर भगवान शंकर की पूजा का विशेष महत्व हमारे धर्मशास्त्रों में बताया गया है | भगवान शिव अजन्मे अविनाशी है और भक्तों पर कृपा बरसाने वाले है | यदि भगवान शंकर किसी पर प्रसन्न हो जाते है तो उस व्यक्ति का जीवन सुखमय व्यतीत होता है और वह इस लोक और परलोक में सारे सुखों को भोगता है | भगवान शंकर बहुत भोले है और वह अपने भक्तों पर जल्दी कृपा बरसाने वाले है | भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए आपको महाशिवरात्रि पर कैसे पूजा करनी चाहिए आज के इस लेख में हम जानेंगे |
महाशिवरात्रि का महत्व
[contact-form-7 id="14022" title="Contact form 1"]भगवान शंकर और माता पार्वती के विवाह के दिन को महाशिवरात्रि पर्व के रूप में मनाया जाता है | भारतीय कैलेण्डर के अनुसार फाल्गुन महीने की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है | शास्त्रों के अनुसार इस दिन सृष्टि का उदय भगवान शिव के अग्नि लिंग से हुआ था |
महाशिवरात्रि पूजन सामग्री
महाशिवरात्रि पर भगवान शंकर की पूजा के लिए आपको पहले ही सामग्रियों का इंतज़ाम रखना चाहिए | जिससे पूजन के वक्त किसी सामग्री की कमी के कारन आपकी पूजा में किसी तरह का विघ्न ना पड़े | आपकी सुविधा के लिए हमने एक महाशिवरात्रि पूजन सामग्री की लिस्ट तैयार की है जिसके अनुसार आप पूजन सामग्री इकट्ठी कर सकते है |
पूजन सामग्री लिस्ट
महाशिवरात्रि के पूजन की तैयारी कैसे करें
- महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त यानि की सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए |
- साफ़ एवं धुले हुए वस्त्र पहनने चाहिए |
- घर के मुख्य द्वार पर अशोक के पत्ते आदि लगाने चाहिए |
- यदि आप मंदिर में स्थापित शिवलिंग की पूजा नहीं करके अचल प्रतिष्ठा कर रहे है तो किसी नदी या तालाब के किनारे पूजा का विशेष महत्व बताया गया है |
महाशिवरात्रि पर पार्थिव शिवलिंग पूजन विधि
शिव महापुराण में बताया गया है की पार्थिव शिवलिंग पूजा सभी पूजाओं में श्रेष्ट होती है | जो व्यक्ति पार्थिव शिवलिंग का पूजन करते है उन्हें धन धान्य वैभव, आयु एवं लक्ष्मी से परिपूर्ण रहते है और भगवन के शिवलोक को प्राप्त करते है |
- नदी या तालाब के पास पवित्र मिट्टी से शिवलिंग का निर्माण करें |
- समस्त पूजन सामग्री पर गंगाजल के छींटे देकर उन्हें शुद्ध करें |
- इसके बाद भूरसि मन्त्र के द्वारा उस क्षेत्र को सिद्ध करें |
- अब स्थान को जल से शुद्ध करके शिवलिंग की प्रतिष्ठा करें |
- अब भगवान शिव का आह्वान करें और आसान बिछाकर उनके सामने स्वयं बैठ जाएँ |
- अब दूध, दही, घी, शहद और शक्कर को मिलाकर पंचामृत बनाये और इससे शिवलिंग को स्नान करवाएं |
- अब भगवान को वस्त्र और यज्ञोपवीत समर्पित करें |
- अब चन्दन और रोली चढ़ाएं |
- इसके बाद भगवान को बिल्वपत्र और फूल अर्पित करें |
- अब नैवेद्य और फल भगवान को अर्पित करें और 11 रुद्रों का पूजन करें |
- अब दक्षिणा रखें और भगवन के नामों हर शम्भू, शूल पाणि, शिव, महादेव, गिरिजापति के नामों से पार्थिव शिवलिंग का पूजन करें और आरती करें |
महाशिवरात्रि पूजन के बाद प्रार्थना
हे प्रभु मैंने यह पूजा पुरे मन और समर्पण के साथ की है यदि मुझसे कोई गलती हुई हो तो मुझे क्षमा करें | हे प्रभु आप सभी का कल्याण करने वाले है मैं आपकी शरण में हूँ कृपया मेरी रक्षा कीजिये और अपनी कृपा मुझ पर बनाये रखिये |
निष्कर्ष
महाशिवरात्रि पर पूजन करने वाले भक्त भगवान की कृपा के विशेष पात्र बनते है | यदि आप भी भगवान की कृपा पाना चाहते है तो इस शिवरात्रि भगवान की पुरे विधि विधान से पूजा करें | यदि आप किसी मेट्रो शहर में रहते है और आपके पास समय की कमी है तो आप केवल स्मार्टपूजा कॉल कीजिये | महाशिवरात्रि पूजा का सारा प्रबंध हम करते है और पूजन सामग्री के साथ ही पूजन के लिए एक योग्य पंडित जी की सेवाएं प्रदान करते है | हमारी टीम में अनुभवी पंडित है जिन्हें कई वर्षों का पूजन करवाने का अनुभव है जो की मंत्रोच्चार के साथ पुरे वैदिक रीती से महाशिवरात्रि की पूजा करवाते है जिससे भगवान की कृपा आप पर होती है |