गणेश चतुर्थी पूजा
भगवान गणेश जी के जन्मदिन को पुरे देश में गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है | इस दिन 1.5 से लेकर 10 दिन के लिए घर घर में गणेश जी की स्थापना की जाती है और पुरे विधि विधान से उनकी पूजा की जाती है और अंत में हर्षोउल्लास के साथ उनका विसर्जन किया जाता है | यह उत्सव उमंग से भरपूर है और इस दिन प्रत्येक घर में परिवार सहित शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश को मंत्रो द्वारा दूर्वा, सिंदूर, मोदक एवं अन्य पदार्थ अर्पित किये जाते और मंगल भविष्य की कामना की जाती है| | भगवान गणेश जिस पर प्रसन्न हो जाते है उसके सभी काम अपने आप ही बनते चले जाते है | यही वजह है की गणेश चतुर्थी पूजा को पुरे विधि विधान से करनी चाहिए | यदि आपको गणेश चतुर्थी पूजा कैसे करते है, इसकी पूजन विधि, पूजन सामग्री, के बारे में जानकारी नहीं है तो आपको इस आर्टिकल में पूरी जानकारी दी जाएगी |
इसके साथ ही अब आप ऑनलाइन गणेश चतुर्थी पूजा पैकेज बुक कर सकते है जिसमें आपको पूजन के लिए विद्वान पंडित की सेवाएं मिलेगी | इसके अलावा अगर आप चाहते है की पूजन सामग्री, साज सज्जा सहित अन्य सभी सुविधाओं का भी प्रबंध हो जाये तो इसके लिए भी हमारे धार्मिक स्टार्टअप स्मार्टपूजा में आपको सभी सविधाएँ सामान्य शुल्क में प्रदान की जाती है |
[contact-form-7 id="14022" title="Contact form 1"]गणेश चतुर्थी पुजा कब है 2022 में
वर्ष 2022 में गणेश चतुर्थी पूजा 31 अगस्त को की जायगी | गणेश चतुर्थी पूजा प्रति वर्ष भारतीय पंचाग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है | उत्तर हो या दक्षिण सभी जगह भगवान गणेश के जन्मोत्सव को एक ही दिन मनाया जाता है |
गणेश चतुर्थी पूजा क्यों मनाई जाती है ?
गणेश चतुर्थी की पूजा प्रथम पूज्य भगवान गणेश जिन्हें गजानन, लम्बोदर के नाम से भी जाना जाता है के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाई जाती है | भगवान गणेश भारतीय मैथोलॉजी के त्रिदेव में से एक भगवान शंकर और माता पार्वती के पुत्र है | इनके जन्म की कथा रोचक है एक दिन माता पार्वती स्नान कर रही थी तो उन्होंने सोचा की सभी देवताओं के पास अंगरक्षक है | भगवान शंकर के पास भी नंदी भृंगी और अनेक गणो की फ़ौज है लेकिन मेरे पास कोई ऐसा नहीं है जो की केवल मेरा ही कहना माने | उन्होंने मन ही मन सोचा की वह स्वयं अपना पुत्र बनाएंगी जो केवल का ही कहना मानेगा | ऐसा सोचकर उन्होंने अपने उबटन से एक बहुत ही सूंदर बालक बनाया और उसमें प्राण डाल दिए | और उन्होंने अपने बेटे को अपनी सुरक्षा के लिए दरवाजे के बहार खड़ा कर दिया |
कुछ देर बाद भगवान शंकर आये और उन्होंने अंदर जाने के लिए कहा लेकिन उस बालक ने मना कर दिया | इससे क्रोधित होकर भगवान शंकर ने अपने त्रिशूल से अपने बेटे के सिर को काट दिया | बालक के मर जाने पर माता पार्वती बहुत क्रोधित हुई | ऐसे में माता के क्रोध को शांत करने के लिए भगवान ने एक नवजात हाथी की गर्दन को धड़ से जोड़ दिया और उसमें प्राण डाल दिए | हाथी के सर के कारण उन्हें गणेश का नाम मिला और इस दिन को गणेश चतुर्थी पूजा के रूप में मनाया जाता है |
गणेश चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त
इस बार गणेश चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त बुधवार 31 अगस्त 2022 को 11 बजकर 05 मिनिट से 1 बजकर 38 मिनिट रहेगा | इस बार गणेश चतुर्थी 30 अगस्त को 3 बजकर 33 मिनिट से शुरू होकर 31 अगस्त को 3 बजकर 22 मिनिट तक रहेगा |
गणेश चतुर्थी पूजन सामग्री
विधिवत रूप से गणेश चतुर्थी की पूजा संपन्न करने के लिए आपको पूजन में लगने वाली सामग्री की लिस्ट पहले से ही तैयार कर लेनी चाहिए | इस लिस्ट के अनुसार सभी सामग्री पूजा से पहले ही लाकर रख लें जिससे पूजा के समय सामग्री के ना होने के कारण आपको कोई परेशानी ना हो और पूजा अधूरी ना रहे | पूजा की लिस्ट आप किसी अच्छे पंडित से बनवा सकते है जिन्हें गणेश चतुर्थी पूजन करवाने का अनुभव हो |
आपकी सुविधा के लिए हम आपको कुछ सामग्री की लिस्ट दे रहे है जो की गणेश चतुर्थी की पूजा के लिए जरुरी होती है –
- पूजा के लिए चौकी
- लाल कपडा
- जल का कलश
- रोली
- मोली
- चावल
- कपूर
- सिंदूर
- चांदी का वर्क
- चमेली का तेल
- घी
- इलाइची
- लौंग
- सुपारी
- नारियल
- पंचमेवा
गणेश चतुर्थी की पूजा विधि और व्रत कथा
गणेश चतुर्थी पर पूजा की शुरुआत से लेकर समापन तक कई विधि विधान होते है जिनके द्वारा गणेश चतुर्थी की पूजा संपन्न की जाती है | गणेश चतुर्थी की व्रत कथा से पहले हम गणेश चतुर्थी की पूजा विधि के बारे में जान लेते है |
गणेश चतुर्थी पूजन कैसे करें
गणेश जी की स्थापना करें
गणेश चतुर्थी की पूजा की शुरुआत के लिए आपको सबसे पहले गणेश जी की स्थापना के लिए एक साफ़ स्थान का चयन करें | अब स्वयं स्नान करके उस स्थान को अच्छे से धोकर साफ़ कर लें | अब वहां पर एक चौकी रखें, उस पर थोड़े अक्षत डालें और लाल कपडा बिछाएं | अब गणेश जी की मूर्ति को शुद्ध जल या गंगाजल से स्नान करवाकर स्थापना करें | घर पर गणेश जी की मूर्ति का चयन करने के लिए यह ध्यान रखें की मूर्ति बैठी हुई हो और उनकी सूंड बायीं और मुड़ी हुई हो | गणेश जी के दोनों और एक एक रिद्धि सिद्धि के रूप में एक एक सुपारी रखें | भगवान गणेश जी की चौकी के दायीं ओर एक कलश स्थापित करें|
गणेश चतुर्थी पूजन मन्त्र सहित
सबसे पहले हाथ में अक्षत और पुष्प लेकर गणेश जी का आह्वान करें और निम्न मन्त्र का जाप करें –
सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः |
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायकः ||
धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः |
द्वादशैतानी नामानि यः पठेचछृणुयादपि ||
विध्यारम्भे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा |
संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते ||
श्रीमनमहागणाधिपतये नमः| लक्ष्मीनारायणाभ्यां नमः | उमामहेश्वराभ्यां नमः | वाणीहिरण्यगर्भाभ्यां नमः | शचीपुरन्दराभ्यां नमः | उमामाहश्वराभ्यां नमः | वाणीहिरण्यगर्भाभ्यां नमः | शैपुरन्दराभ्यां नमः | मातृपितृचरण-कमलेभ्यो नमः | इष्टदेवताभ्यो नमः | कुलदेवताभ्यो नमः | ग्रामदेवताभ्यो नमः | ग्रामदेवताभ्यो नमः | वास्तुदेवताभ्यो नमः | स्थानदेवताभ्यो नमः | एतत्कर्म- प्रधानदेवताभ्यो नमः | सर्वभ्यो देवेभ्यो नमः | सर्वेभ्यो ब्राह्मणेभ्यो नमः |
अब हाथ में अक्षत लेकर निम्न मन्त्र का जाप करें –
ॐ भूर्भुवः स्वः सिद्धिबुद्धिसहिताय गणपतये नमः, गणपतिमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि च |
और हाथ के अक्षत गणेश जी को समर्पित कर दें |
अब निचे दिए मन्त्र बोलते हुए पद्य, अर्घ और आचमन करवाएं –
एतानि पाद्य अर्घ्य आचमनीय – स्नानीय – पुनराचमनीयानी ॐ भगवते श्री गणेशाय नमः |
यह मन्त्र बोलते हुए चन्दन चढ़ाएं –
इदमानुलेपनम ॐ भगवते श्री गणेशाय नमः |
सिंदूर चढ़ाते हुए निम्न मन्त्र का जाप करें –
इदं सिन्दूरं ॐ भगवते श्री गणेशाय नमः |
अब अक्षत चढ़ाते हुए यह मन्त्र बोलें –
इदमक्षतम ॐ भगवते श्री गणेशाय नमः |
पुष्प चढ़ाते हुए यह मन्त्र बोलें –
एतानि पुष्पाणि ॐ भगवते श्री गणेशाय नमः |
अब नैवेद्य निवेदित करें –
एतानि गंध पुष्प धुप दीप यथा भाग नानाविध नैवेद्यानि ॐ भगवते श्री गणेशाय नमः |
हाथ में अक्षत पुष्प लेकर ध्यान करें –
खर्वं स्थूलतनुं गजेन्द्रवदनं लम्बोदरं सुन्दरं
प्रस्यंदंमद गन्धलुब्ध मधुप व्यालोल गण्ड स्थलम |
दन्ता घात विदारितारी रुधिरैः सिंदूर शोभाकरं
वन्दे शैलसुता सुतं गणपतिं सिद्धि प्रदं कामदं ||
इस मन्त्र का बोलते हुए अपने हाथ के अक्षत भगवान गणेश को अर्पित करें | यह एक बहुत ही सरल विधि है और इसके द्वारा आप सरलतम तरीके से गणेश जी की पूजा कर सकते है |
गणेश जी की आरती
सदा भवानी दाहिनी गौरी पुत्र गणेश |
पांच देव रक्षा करें ब्रह्मा विष्णु महेश
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जिनकी पार्वती पिता महादेवा |
लड्डुओं का भोग लगे संत करे सेवा |
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा |
एकदन्त दयावन्त चार भुजा धारी |
माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी |
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा |
अन्धान को आँख देत कोढ़िन को काया
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया |
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ||
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा |
सूरश्याम शरण आये सफल कीजे सेवा |
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा |
दिनन की लाज रखो शम्भू सुत वारी |
कामना की पूर्ति करो जय हो बलिहारी ||
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ||
गणेश चतुर्थी के लिए भोग
गणेश चतुर्थी के लिए आप शुद्ध सात्विक तरीके से बनाया गया लड्डुओं का भोग भगवान गणेश को चढ़ा सकते है | गणेश जी को लड्डू यानि की मोदक बहुत ही पसंद है और आप द्वारा लड्ड़ओं के भोग से वह प्रसन्न होते है और आपके मनोरथ को पूर्ण होने का आशीर्वाद प्रदान करते है |
गणेश चतुर्थी व्रत कथा
जब भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के विवाह की तैयारियां चल रही थी | उस समय सभी देवताओं को आमंत्रित किया गया | लेकिन जब बारात को लेकर जाने की बात हो रही थी तो यह विचार किया गया की अगर गणेश जी गए तो सारा भोजन वही कर जायेगें बाकी सभी भूखे रह जाएंगे | इसलिए गणेश जी को घर की रखवाली का जिम्मा सौप कर सभी देवता भगवान विष्णु की बारात लेकर चल दिए |
जिस समय बारात रास्ते में ही थी उस समय गणेश जी के पास नारद जी पहुंचे | उन्होंने गणेश जी से बारात में ना जाने का कारण पूछा तो गणेश जी ने बताया की उन्हें बारात में नहीं लेकर गए | तो नारद जी बोले यह तो आपका अपमान है आप ऐसा करिये आपकी चूहों की सेना भेज दीजिये वह सारा रास्ता खराब कर देगी | गणेश जी ने अपने चूहों की सेना भेज दी और चूहों ने बारात के रास्ते को अंदर ही अंदर से खोदकर खोखला कर दिया | जैसे ही बारात वहां से निकली तो सभी के रथ, घोड़े, हाथी सभी उस रास्ते में फंस गए |
तब भगवान विष्णु ने जान लिया की यह काम गणेश जी का है तब उन्होंने अपने दूतों के साथ ससम्मान गणेश जी को बुलवाया और उनका आदर सत्कार किया | और बारात में सर्वप्रथम गणेश जी गए और सबसे पहले गणेश जी की पूजा की गयी और भोग लगवाया गया | इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का विवाह संपन्न हुआ | तभी से हर कार्य की शुरुआत से पहले सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है |
गणेश चतुर्थी पर डेकोरेशन कैसे करें
गणेश चतुर्थी पर घर को सजाना एक प्रमुख कार्य है | यदि आप अपने घर में गणपति की स्थापना करना चाहते है तो नए ताजा फूलों से अपने मंदिर को सजा सकते है | यदि आपके पास समय की कमी है या सोच रहे है की सजावट की व्यवस्था कैसे होगी तो चिंता ना करें, स्मार्टपूजा आपको पूजन के लिए पुरोहित, पूजन सामग्री की व्यवस्था करने के साथ ही घर के डेकोरेशन की व्यवस्था करता है | रंगबिरंगे फूलों के द्वारा आपके घर और गणपति मंडप को आकर्षक रूप से सजाया जाता है |
गणेश चतुर्थी का महत्व
गणेश जी को प्रथम पूज्य और विघ्न हरण माना जाता है इस दिन गजानन भगवान गणेश का जन्म हुआ था और सभी देवताओं ने मिलकर उन्हें प्रथम पूज्य माना था | जो भी इस दिन पुरे मन से भगवान गणेश की पूजा करते है उनके सभी दुःख दर्द दूर होते है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है |
गणेश पूजा के लाभ
- भगवान का आशीर्वाद मिलता है और आपके घर में सुख समृद्धि का वास होता है |
- घर में पोजेटिव एनर्जी रहती है और परिवारजनों के बीच अच्छा सामंजस्य और प्रेम रहता है |
- भगवान गणेश बुद्धि और ज्ञान के देवता है इनकी पूजा से घर के बच्चों को मन पढाई में लगता है और उन्हें ज्ञान और बुद्धि प्राप्त होती है |
- भगवान गणेश जी को विघ्नहरण के नाम से जाना जाता है यह अपने भक्तों के सभी दुःख दर्द हर लेते है |
- यदि आपके किसी काम में रूकावट आ रही है तो गणेश जी की पूजा करने से वह सभी रुकावटें दूर होती है सभी छोटे बड़े काम में आ रही बाधा दूर होती है |
गणेश चतुर्थी पर बुकिंग कैसे करें
यदि आप किसी बड़े शहर में रहते है और आपके पास समय की कमी है और आप पूजाकी सभी व्यवस्थाओं के लिए समय नहीं निकाल पा रहे है तो आप स्मार्टपूजा की पूजा पैकेज के द्वारा पुरोहित, पूजन सामग्री सभी की व्यवस्था आसानी से कर सकते है |
अधिक जानकारी के लिए हमें 080-61160400 या व्हाट्सएप @ 9036050108 पर कॉल करें ।
वैदिक पूजा समारोह| वन-स्टॉप समाधान | वास्तव में परेशानी मुक्त
स्मार्टपूजा में अनुभवी और वर्षों से पुरोहित का काम कर रहे विशेषज्ञ पंडितों की टीम है जो की आपके क्षेत्र, भाषा के अनुसार पूजा करवाते है | हमारे पूजा पैकेज में आपको पूजा के लिए शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री, पंडित की बुकिंग, सजावट के लिए फूलों की व्यवस्था की जाती है | पूजा सेवा बुक करने के बाद अब आप अपना ध्यान पूजा की व्यवस्थाओं से हटाकर अपने काम या भगवान के ध्यान में लगा सकते है | हम आपके लिए पूजा की समुचित व्यवस्था और बेहतरीन पूजा के अनुभव का विश्वास दिलवाते है |